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मासिक - तीसवां संस्करण सितम्बर, 2017
अनुक्रमणिका हमारा संस्थान
  1. पंचायत राज पदाधिकारियों के प्रशिक्षण हेतु मास्टर ट्रेनर्स के रूप मे सीआरपी का प्रशिक्षण
  2. अपनी बात ....
  3. संकल्प से सिद्धि
  4. माननीय मंत्री महोदय द्वारा वीसी में दिये गये निर्देश
  5. अपर मुख्य सचिव महोदय/विकास आयुक्त द्वारा वीसी में दिये गये निर्देश
  6. गरीब महिलाओं की आजीविका ........
  7. आदर्श आंगनबाड़ी का सफल संचालन

पंचायतराज पदाधिकारियों के प्रशिक्षण हेतु मास्टर ट्रेनर्स के रूप में सीआरपी का प्रशिक्षण

महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज संस्थान-म.प्र., जबलपुर एवं अनुसांगिक क्षेत्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज प्रशिक्षण केन्द्र, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, नौगांव, सिवनी में दिनांक 31 जुलाई 2017 से पंचायत राज पदाधिकारियों के प्रशिक्षण हेतु मास्टर ट्रेनर्स के रूप में कम्यूनिटी रिर्सोस पर्सन (सीआरपी) का प्रशिक्षण का आयोजन प्रारंभ किया गया।

इस प्रशिक्षण में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे - प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण,मनरेगा,स्वच्छ भारत मिशन,

पंच परमेश्वर योजना/14वां वित्त आयोग, ग्राम पंचायत विकास योजना, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, केशलेस प्रणाली, सामाजिक न्याय, राज्य आजीविका मिशन आदि को शामिल किया गया है।

साथ ही क्षेत्रीय भ्रमण के माध्यम से इन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, मनरेगा एवं स्वच्छ भारत मिशन के तहत मोबाईल एप द्वारा जिओ टेगिंग तथा अन्य योजनाओं को क्रियान्वयन स्थल का भ्रमण कर अभ्यास कराया जा रहा है।

  अनुक्रमणिका  
संकल्प से सिद्धि
अपनी बात .....

‘‘पहल’’ मासिक ई-न्यूज लेटर का तीसवां संस्करण का प्रकाशन किया जा रहा है, जो इस साल का मासिक संस्करण के रूप में नौवां संस्करण है।

इस माह ग्राम पंचायत स्तर के प्रशिक्षण हेतु कम्प्युनिटी रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) मास्टर टेनर्स का प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया जिसके संबंध में एक समाचार आलेख प्रस्तुत किया गया है।

इसके अतिरिक्त ‘‘संकल्प से सिद्धि’’ विषय पर एक अभियान की शुरूआत भारत सरकार द्वारा शुरू किया जा रहा है जिसमें 2022 तक नये भारत निर्माण हेतु हम सबको संकल्पित होना है जिसे इस ई-न्यूज लेटर के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है तथा माननीय मंत्री महोदय, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वीडियो कांफ्रेन्स दिनांक 27 जुलाई, 2017 में दिये गये निर्देश एवं अपर मुख्य सचिव/ विकास आयुक्त महोदय द्वारा वीडियो कांफ्रेन्स दिनांक 03 अगस्त, 2017 में दिये गये निर्देश, साथ ही ‘‘गरीब महिलाओं की आजीविका के लिए मध्यप्रदेश दीनदयाल अंत्योदय योजना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रयास’’ तथा ’’आदर्श आंगनबाड़ी का सफल संचालन’’ विषय पर भी आलेख प्रस्तुत किये गये हैं।

हमें पूर्ण भरोसा है कि आपको ‘पहल’ का यह संस्करण अत्यंत रूचिकर लगेगा तथा कई विषयों पर जानकारी प्रदान करेगा।
शुभकामनाओं सहित।

संजय कुमार सराफ
संचालक

न्यू इंडिया मूवमेंट (2017-2022)


नए भारत का संकल्प

जैसा कि सभी जानते है कि भारत छोड़ो आन्दोलन जो ‘‘अगस्त क्रांति’’ के नाम से भी जाना जाता है, 9 अगस्त 1942 को प्रारंभ हुआ था, इसके माध्यम से 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ।

इस वर्ष 2017 हम ‘‘भारत छोड़ो आंदोलन’’ की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं एवं अगस्त 2022 में हम अपने ‘‘स्वतंत्रता’’ की 75वीं वर्षगांठ मनायेगें, इसे ध्यान में रखते हुए आगामी पांच वर्षों में देश के विकास हेतु हम सभी भारतवासियों को यह अद्धितीय अवसर प्राप्त हो रहा है, जिसके माध्यम से हम सब एकजुट होकर ‘‘संकल्प से सिद्धि’’ अभियान के माध्यम से भारत के विकास में योगदान दे।

हम सब मिलकर संकल्प लेते हैं,

2022 तक नए भारत के निर्माण का।

हम सब मिलकर संकल्प लेते हैं, स्वच्छ भारत का।

हम सब मिलकर संकल्प लेते हैं, गरीबी मुक्त भारत का।

हम सब मिलकर संकल्प लेते हैं, भ्रष्टाचार मुक्त भारत का।

हम सब मिलकर संकल्प लेते हैं, आतंकवाद मुक्त भारत का।

हम सब मिलकर संकल्प लेते हैं, सम्प्रदायवाद मुक्त भारत का।

हम सब मिलकर संकल्प लेते हैं, जातिवाद मुक्त भारत का।

नए भारत के निर्माण के अपने इस संकल्प की सिद्धि के लिए

हम सब मन और कर्म से जुट जाएंगे।

‘‘ भारत छोड़ो आंदोलन हमारे इतिहास में एक मील का पत्थर है। महात्मा गांधी के ‘करो या मरो‘ के आहवान से प्रेरित हो कर, हर हिन्दुस्तानी ने भारत मॉ को आजादी दिलाने का संकल्प लिया था।
आज, भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगाँठ पर हम उस जन-आंदोलन में शामिल हर सेनानी को नमन करते हैं।
आइए, हम सब संकल्प लें और कंधे से कंधा मिला कर नए भारत का निर्माण करे, जिस पर हमारे अमर स्वतंत्रता सेनानियों को गर्व हो।‘‘

-नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री




  अनुक्रमणिका  

माननीय मंत्री जी, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की वीडियो कॉन्फ्रेंस दिनांक 27.7.2017

1.मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम

1.1 मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के तहत 01.08.2017 से समस्त प्रकार के भुगतान, खाद्यान्न रिलीज आर्डर आदि ऑन लाईन जारी किए जाएंगे।

1.2 समस्त जिले विभागीय पोर्टल मे प्रविष्टि कर आवश्यक तैयारी करें ताकि शिक्षक पालक संघ, SHG, PTA, रसोईया को भुगतान में विलम्ब न हो और राशन दुकानों का खाद्यान्न रिलीज आर्डर समय पर जारी किए जा सकें।

1.3 मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के लिए मैदानी अमला गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें और सतत निगरानी करें।

1.4 नागरिक आपूर्ति निगम से राशन दुकानों पर रीलिज आर्डर के अनुसार खाद्यान्न की सुनिश्चितता उपलब्ध कराई जाए।

2.प्रधानमंत्री आवास योजना

2.1 जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया गया कि अधिकाधिक तादाद में आवास पूर्ण कराकर पुरूस्कार योजना का लाभ उठाएं।

2.2 आवास योजना से संबंधित जानकारी/शिकायत हेतु हेल्प लाईन नं. 9407509864, 9407509464 या 18002337202 पर सम्पर्क करने की जानकारी अधिकाधिक लोगों को दी जाए।

3.पंच परमेश्वर योजना

3.1 ग्राम पंचायतो के पास उपलब्ध धनराशि का शीघ्र सदुपयोग सुनिश्चित किया जाए। सी.सी.सड़क एवं निर्माण कार्यों के लिए रेती एवं गिट्टी की रायल्टी फ्री व्यवस्था की जाए।

3.2 रेती एवं गिट्टी के निर्बाद्ध परिवहन के लिए प्रत्येक विकास खण्ड हेतु 2 से 4 डम्पर आवश्यकतानुसार किराए पर लिए जाएं और उनके रूटचार्ज एवं दैनिक फेरी तय कर दी जाए। प्रति फेरी किराया भी तय कर दिया जाए।

3.3 सीमेंट निर्माताओं/विक्रेताओं से बातचीत कर खुदरा बाजार मूल्य से कम मूल्य पर सीमेंट उपलब्ध कराने की व्यवस्था के प्रयास किए जाएं।

3.4 प्रत्येक जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत की सामान्य मासिक बैठक के लिए माह की एक तिथी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत नियत करें। इसी दिन विभिन्न समितियों की बैठक भी रखी जाए।

3.5 सामान्य प्रशासन समिति की बैठक का एजेण्डा निम्नानुसार होगा।

(1) पूर्व बैठक का पालन प्रतिवेदन

(2) शासन द्वारा जारी नवीन निर्देश/नीतियों से समस्त निर्वाचित प्रतिनिधियों को अवगत करवाना।

(3) प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, स्वच्छ भारत अभियान, इंदिरा आवास योजना के अपूर्ण आवास, मध्यान्ह भोजन योजना, पंचपरमेश्वर योजना अंर्तगत सी.सी. रोड निर्माण, नाली निर्माण इत्यादि योजनाओं की प्रगति की जानकारी उपलब्ध करवाना।

(4) विगत माह की आय-व्यय की जानकारी बैठक में रखना।

(5) अगले माह के प्रस्तावित आय-व्यय का ब्यौरा बैठक में रखना।

3.6 CEO, जिला पंचायत सुनिश्चित करें कि पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों को मानदेय तथा बैठक भत्तों के भुगतान नियमित रूप से किया जाए। सभी उपस्थित सदस्यों के मानदेय का भुगतान बैठक के दिन ही किया जावे।

3.7 सी.सी.सड़क एवं पक्की नाली निर्माण के प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रगति की समीक्षा की जाए। जिन ग्राम पंचायतों में सीसी सड़क बनाने का कार्य किया जा चुका हो उनमें खरंजा अथवा पूर्व निर्मित क्षतिग्रस्त सड़क की अनुमति हेतु पृथक से मानक लागत निर्धारित करते हुए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।

4.वृक्षारोपण

4.1 समस्त प्लांटेशन ’नरेगा साफ्ट’ में दर्ज कर नियमानुसार मस्टररोल भुगतान की कार्यवाही की जाए।

4.2 पौध रक्षकों की ऑनलाईन जानकारी की पृविष्ठी पूर्ण की जाए और जानकारी का सत्यापन किया जाए।

4.3 पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।




  अनुक्रमणिका  

अपर मुख्य सचिव/विकास आयुक्त महोदय द्वारा वीडियो कांफ्रेंस दिनांक 03.08.2017 में दिये गये निर्देश

1.स्वच्छ भारत मिशन -

1.1 जून माह में स्वनिर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध कमजोर प्रगति वाले जिलो के सीईओ जिला पंचायत ने उनके स्पष्टीकरण में जुलाई 2017 में लक्ष्यपूर्ति करने का लेख किया था। जिन जिलों की उपलब्धि जुलाई माह के स्वनिर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध दयनीय है उनके सीईओ जिला पंचायतों को वस्तुस्थिति का पत्र लिखकर उनके अभिलेख में रखा जाए।

1.2 जिन जिलों की स्वनिर्धारित लक्ष्य की उपलब्धि जून एवं जुलाई माह की लगातार 60 प्रतिशत से कम है उनके जिला समन्वयक एवं विकासखण्ड समन्वयकों का मानदेय एक माह के लिए 50 प्रतिशत तक सीमित किया जाए।

1.3 सीईओ जिला पंचायत विकासखण्डवार समीक्षा कर ऐसे समन्वयक चिन्हित करें जिनकी दोनों माह के स्वनिर्धारित लक्ष्य के विरूद्व प्रगति नगण्य रही हो। ऐसे समन्यकों को अनुबंध के मुताबिक 15 दिवस का पारिश्रमिक देते हुए अनुबंध समाप्त किया जाए।

1.4 शौचालय निर्माण के लिए उचित मूल्य पर ईंट उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।

1.5 वर्षा ऋतु के दौरान आजीविका मिशन/तेजस्विनी के स्वसहायता समूहों से आवश्यकतानुसार ईंट भट्टे लगवाने के लिए प्रकरण बनवाकर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं आर्थिक कल्याण योजना में स्वीकृति कराई जाए। उपयुक्त मिट्टी की खनन अनुज्ञप्ति तथा ईंघन के लिए आवश्यक व्यवस्था वर्षाऋतु के दौरान ही कराई जाए ताकि वर्षाऋतु समाप्त होते ही ईंट निर्माण प्रारंभ हो।

1.6 मुख्यमंत्री हेल्पलाईन में शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि के भुगतान संबंधित समस्त प्रकरणों का निराकरण किया जाए। यदि पोर्टल से निराकरण में समय लगे तो मुख्यालय से आरटीजीएस की अनुमति दी जाए। पोर्टल से भुगतान नहीं होने संबंधी प्रकरणों में मुख्यालय में पदस्थ उपायुक्त एवं एसपीओ, एसबीएम जिम्मेदार माने जाऐंगे।

1.7 भारत सरकार की वेबसाईट पर सभी जिले शौचालयविहीन घरों की जानकारी का शुद्धिकरण करें। दिनांक 04.08.2017 को अशोकनगर, दिनांक 05.08.2017 को छिन्दवाड़ा एवं दिनांक 10.08.2017 को पन्ना एवं कटनी तथा दिनांक 11.08.2017 को सतना, जबलपुर एवं सिंगरौली के अधिकारी जानकारी लेकर भोपाल आएं।

2.प्रधानमंत्री आवास योजना

2.1 सीईओ इछावर, आष्टा द्वारा 400 से अधिक प्रकरण एफटीओ के लिए लंबे समय तक लंबित रखने से सीईओ को निलंबित किया गया है। प्रत्येक जनपद पंचायत में एफटीओ के लिए लंबित प्रकरणों की समीक्षा कर पात्रता मुताबिक एफटीओ जारी कराएं।

2.2 कई प्रकरणों में पीएफएमएस से हितग्राही का अकाउन्ट वेरीफिकेशन हो जाने के बाद भी किश्त की आदेशिका नहीं बनाई गई है। आदेशिका बनाकर एफटीओ तत्काल जारी करें।

2.3 जिला अनूपपुर, अशोकनगर, छिंदवाड़ा, डिण्डोरी, हरदा, खण्डवा, मंदसौर, नरसिंहपुर, नीमच, सतना, श्योपुर, सीधी, सिंगरौली एवं उमरिया में आवास पूर्णता की प्रगति संतोषजनक नहीं है। सीईओ, जिला पंचायत ध्यान दें।

3.मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम -

3.1 1 अगस्त, 2017 से मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के लिए समस्त आदेश धनराशि एवं खाद्यान्न रिलीज आर्डर राज्य स्तर से विभागीय पोर्टल से जारी किए जायेंगे। जिला/जनपद स्तर से कोई धनराशि अथवा खाद्यान्न आबंटन नहीं किया जाए।

3.2 विभागीय पोर्टल पर पीटीए, एस.एच.जी., रसोईया एवं विद्यालयों की जानकारी में विसंगति को आगामी 3 दिनों में दूर किया जाए।

4.मुख्यमंत्री आवास मिशन -

4.1 मुख्यमंत्री आवास मिशन के लिए किराए के सभी वाहनों का अनुबंध दिनांक 01 अगस्त से बंद कर दिया जाए। जिलो द्वारा पुराने भुगतान संबंधी प्रकरणों को संचालक, ग्रामीण रोजगार को भेजें जिनका परीक्षण पश्चात दिनांक 15 अगस्त 2017 तक निराकरण किया जाएगा।

4.2 बैंकों के द्वारा हितग्राही को स्वीकृत ऋण की दोनों किश्तें जारी की जाने और ऋण राशि के विरूद्ध फिक्स्ड डिपाजिट नहीं कराने का प्रमाणीकरण प्राप्त होने के पश्चात ही बैंकों के लिए आबंटन जारी किया जायेगा।

4.3 2017-18 के लिए जारी किए गए लक्ष्य में से अब तक ऋण वितरित प्रकरणों को छोड़कर शेष लक्ष्य निरस्त कर मुख्यालय स्तर पर वापस लिए जाते हैं। आवश्यकतानुसार जिलों द्वारा मांग करने पर मुख्यालय स्तर से लक्ष्य उपलब्ध कराये जाएंगे।

5.मिशन अंत्योदय - गरीबी मुक्त पंचायत

5.1 सभी जिले सोसल इंफ्रास्ट्रक्चर के संबंध में 15 अगस्त तक एक्सन प्लान तैयार कर लें। दिनांक 18, 21 एवं 22 अगस्त को भोपाल बैठक में सीईओ जिला पंचायत जानकारी लेकर स्वयं आएं और 15-15 मिनिट का प्रस्तुतिकरण दें।

5.2 दिनांक 11 अगस्त 2017 को माननीय मुख्यमंत्री जी, प्रशासन अकादमी में महिला स्व-सहायता समूहों को सम्बोधित करेंगे। सीईओ, जिला पंचायत इस बैठक में भाग लें। अपने साथ एसआरएलएम के डीपीएम को भी लाएं।

6.मनरेगा वृक्षारोपण कार्यक्रम -

6.1 सभी जिले पौधरक्षकों का प्रशिक्षण एक बार पुनः उद्यानिकी/वन विभाग के समन्वय से कराएं।

6.2 सभी जिले दिनांक 13 अगस्त, 2017 को अभियान चलाकर मनरेगा अंतर्गत कराए गए वृक्षारोपण का शतप्रतिशत स्थल निरीक्षण कराएं।

6.3 जहॉं वृक्षारोपण पश्चात पौधे मृत हो गए हैं, वहां नए पौधे लगवाएं।

6.4 पौधरक्षकों को मटके उपलब्ध कराने के लिए कुम्हारों के साथ बैठक करें।

7.पंच परमेश्वर योजना -

7.1 ग्राम पंचायत के बैंक खातों में उपलब्ध राशि और व्यय की सतत समीक्षा की जाए।

7.2 जिन ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य नहीं हो रहे हों उनके सरपंचों एवं सचिवों की बैठक लेकर कार्य प्रारंभ कराएं।

7.3 रायल्टी मुक्त रेत एवं गिट्टी की व्यवस्था करते हुए उपलब्धता की नियमित समीक्षा की जाए।

7.4 आगामी वीडियो कांफ्रेन्स में जिन ग्राम पंचायतों के बैंक खातों में रू. 20.00 लाख अथवा अधिक का शेष होगा उनकी समीक्षा की जाएगी।




  अनुक्रमणिका  

गरीब महिलाओं की आजीविका के लिए मध्यप्रदेश दीनदयाल अंत्योदय योजना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रयास

योजना का उद्देश्य

गरीब परिवारों को उपयोगी स्व-रोजगार तथा कौशल आधारित आजीविका के अवसर उपलब्ध कराना। ताकि मजबूत बुनियादी संस्थाओं के माध्यम से गरीबों की जीविका को स्थायी आधार बनाया जा सके।

मिशन का कार्यक्षेत्र

इस समय मध्यप्रदेश में मिशन के रूप में काम कर रही मध्यप्रदेश सरकार ग्रामीण गरीब परिवारों को स्व-सहायता समूहों के रूप में संगठित कर आजीविका के स्थाई अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयासरत है।

आजीविका मिशन का क्रियान्वयन सिलसिलेवार चयनित जिलों में किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 16-17 में 33 जिलों के 195 विकासखण्डों में सुचारू रूप से कार्य किया जा रहा है, जबकि प्रदेश के शेष 118 विकासखण्डों में गैर-सघन रुप से जिला पंचायतों के माध्यम से मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

मिशन में मुख्य घटक

  • मिशन का क्रियान्वयन क्लस्टर एप्रोच के आधार पर किया जाता है।
  • सभी ग्रामीण निर्धन परिवारों तक मिशन की पहुंच सुनिश्चित कर उन्हें स्वसहायता समूह एवं उनके परिसंघों के रुप में संगठित किया जाता है।
  • वित्तीय, तकनीकी एवं विपणन सेवाओं तक पहुंच में वृद्धि कर निरंतर विशेष ध्यान दिया जाता है।
  • बेरोजगार युवाओं की क्षमता में वृद्धि एवं कौशल निर्माण कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाते हैं।
  • ग्रामीण निर्धन परिवारों को सामाजिक आर्थिक सहायक सेवाओं की उपलब्धि में सुधार के प्रयास किये जाते हैं।
  • ग्रामीण निर्धन परिवारों को निरंतर सहायता दी जाती है, ताकि वे गरीबी से उबर जायें।

ये होते हैं पात्र

  • सहभागिता आधारित एवं पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से चिन्हित किये गये गरीब एवं गरीब परिवार अथवा सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना (SECC) के अनुसार निर्धारित परिवार पात्र होंगे।
  • समूहों की ग्रेडिंग के पश्चात् आवंटन हेतु पात्रता निर्धारित होती है, बजट की उपलब्धता के अनुरूप कम्यूनिटी इन्वैस्टमेंट फण्ड प्रदान किया जाता है।

मिशन की मुख्य गतिविधियां

  • सभी ग्रामीण निर्धन परिवारों को स्वसहायता समूह (SHG) के रुप में संगठित किया जाता है।
  • समूहों की आवश्यकतानुसार उच्च स्तरीय सामुदायिक परिसंघ, ग्राम संगठन (VO) एवं संकुल आधारित संगठन (CLF) का गठन कर उनको सशक्त बनाने की दिशा में सहयोग किया जाता है।
  • समुदाय सुदृढ़िकरण एवं संवहनीय आजीविका उपलब्ध कराये जाने के लिए गतिविधि आधारित परिसंघ - उत्पादक समूह, उत्पादक कंपनी, कोऑपरेटिव सोसायटी का गठन व सशक्तिकरण की दिशा में काम किया जाता है।
  • वित्तीय, तकनीकी एवं विपणन सेवाओं तक पहुंच में वृद्धि पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
  • बैंकों से ऋण प्राप्त कर समूह के सदस्य आजीविका गतिविधियों को संचालित करते हैं।

कौशल विकास के माध्यम से रोजगार

  • राज्य आजीविका फोरम के अंतर्गत रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम के तहत् युवाओं को कौशल आधारित प्रशिक्षण दिलवाकर रोजगार व स्व-रोजगार से जोड़ा जा रहा है। रोजगार मेलों के माध्यम से विभिन्न औद्योगिक इकाईयों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
  • दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDUGKY) के अंतर्गत ग्रामीण गरीब युवाओं को बाजार की मांग अनुरूप कौशल विकास को सीधे रोजगार से जोड़ा जा रहा है।

जलवायु परिवर्तन एवं पौधारोपण प्रोग्राम

  • जलवायु परिवर्तन के प्रति जारूरूकता एवं ग्रामीणों की आजीविका को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से मिशन द्वारा पौधरोपण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत मुख्यतः मुनगा, नींबू, आंवला इत्यादि प्रजाति के पौधों को खेतों की मेढ़ों पर लगाया जा रहा है।

स्व-सहायता समूह (SHG)

गांव की 10 से 20 महिलाओं का समूह जो समान सोच रखती हों एवं गरीबी से बाहर आने के लिये संगठित होकर प्रयास करना चाहती हों। समूह की महिलाओं की विचारधारा, आर्थिक एवं सामाजिक स्तर में समानता स्व-सहायता समूह का प्रमुख आधार है।

समूह सदस्यों को पालन करने के लिए ग्यारह सूत्र

(1) नियमित साप्ताहिक बैठक

(2) नियमित साप्ताहिक बचत

(3) नियमित लेनदेन

(4) नियमित ऋण वापसी

(5) नियमित साप्ताहिक अभिलेख संधारण

(6) बेहतर स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण का नियमित पालन

(7) समयानुसार अनिवार्य शिक्षा का पालन

(8) त्रि-स्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं के साथ सक्रिय भागीदारी

(9) पात्रता तक पहुॅंच

(10) संवहनीय आजीविका

(11) नगदरहित संव्यवहार

ग्राम संगठन

ग्राम संगठन एक ऐसा परिसंघ है जिसमें ग्राम में मौजूद स्व-सहायता समूह भागीदारी करते हैं एवं समूह के सदस्यों के सामाजिक, आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कार्य करते हैं। ग्राम संगठन के रूप में समूहों को एक ऐसा मंच मिलता है, जहां पर वे अपने अनुभवों का आदान-प्रदान कर स्वतः सीखते हैं, आपसी सहयोग बनाने के लिए निर्णय कर सकते हैं।

उपसमितियां

ग्राम संगठन के काम-काज को व्यवस्थित ढंग से करने के लिए कार्यकारिणी के सदस्यों में से चयन कर उप समितियों का गठन किया जाता है। उपसमितियों की संख्या ग्राम संगठन की आवश्यकता के अनुरूप निर्धारित की जाती हैं, जिसमें तीन से पॉंच सदस्य होते हैं। ऋण वापिसी, रोजगार, बैंक लिंकेज, निगरानी, सामाजिक आदि प्रमुख उप समितियां हैं।

रिवाल्विंग फंड (आर.एफ)

समूहों की संस्थागत क्षमताओं एवं वित्तीय प्रबंधन को मजबूत करने तथा सदस्यों की छोटी-छोटी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए ग्रेड़िगं के पश्चात् प्रत्येक समूह को दस से पन्द्रह हजार तक की राशि दी जाती है।

सामुदायिक निवेश निधि (सी.आई.एफ)

समूह की गरीब सदस्यों की जरूरतों के लिए पूंजी की उपलब्धता सहजरूप से सामुदायिक संगठन/CLF के माध्यम से सुनिश्चित की जाती है। यह राशि प्रदाय करने से पूर्व ग्राम संगठनों के समूहों के सदस्यों को वित्तीय अनुशासन एवं नेतृत्व जैसे मुद्दों पर प्रशिक्षण दिया जाता है। यह राशि उपलब्धता के आधार पर ग्राम संगठन के 50 प्रतिशत समूहों की संख्या के अनुसार प्रदाय की जाती है। ग्राम संगठन के माध्यम से प्रति समूह अधिकतम रु. 1,10,000 तक का प्रावधान किया गया है।

आपदा कोष (वी.आर.एफ)

अति गरीब वर्गों के व्यक्तियों एवं परिवारों को आने वाली आपदाओं का सामना करने के लिए आपदा कोष का उपयोग किया जाता है। राशि की उपलब्धता, बजट एवं आवश्यकता को देखते हुये चिन्हित समूहों को इसके लिए रु. 15,000 तक राशि देने का प्रावधान किया गया है।

समूह की सदस्यों द्वारा चलाई जा रही विशेष गतिविधियां

मिशन से जुड़े स्व-सहायता समूह की सदस्य स्थानीय मांग एवं उपलब्ध संसाधनों को ध्यान में रखते हुये विभिन्न गतिविधियां चला रहीं हैं। सामान्य आर्थिक गतिविधियों के साथ ही साथ विशेष रूप से स्वच्छ भारत मिशन अन्तर्गत शौचालय निर्माण एवं समूहों को साफ-सफाई संबंधी प्रशिक्षण, स्वच्छ भारत मिशन हेतु टी-शर्ट निर्माण, नमामी देवी नर्मदे अंतर्गत समूह सदस्यों द्वारा गमछे निर्माण, समूह सदस्यों द्वारा नई दिल्ली में आजीविका मेले में प्रतिभागिता, समूह सदस्यों द्वारा उत्पादक कंपनी का गठन एवं संचालन, समूह सदस्यों द्वारा बैंक सखी के रूप में बैंकिंग सुविधा जैसी गतिविधियों का संचालन स्व-सहायता समूह की महिला सदस्यों द्वारा किया जा रहा है।

संदर्भ स्त्रोत

  • मध्यप्रदेश शासन, मध्यप्रदेश राज्य आजीविका फोरम (प्रगति 31 मार्च, 2017 की स्थिति में) प्रकाशित हस्तपुस्तिका
  • मध्यप्रदेश पंचायिका, मई 2017 में प्रकाशित लेख- आर्थिक और सामाजिक विकास को सुनिश्चित करेगा दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन



  अनुक्रमणिका  
डॉ. संजय कुमार राजपूत
संकाय सदस्य
आदर्श आंगनवाड़ी का सफल संचालन

ग्राम पंचायत - रामछायरी (बमनोरा)

हमारे देश एवं प्रदेश में धात्री माताओं, बच्चों एवं किशोरियों की जीवन सुरक्षित रखने के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किए जा रहे है इस आंगनवाड़ी के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पोषण के उद्देश्यों को ध्यान में रखकर कार्यक्रम चलाऐ जा रहे है इन कार्यक्रमों का उद्देश्य है सभी को आधारभूत एवं मौलिक नैतिक शिक्षा देना है सभी को स्वास्थ्य सुविधा देना है सभी को पोषण देना है ताकि गावं के सभी मातृ एवं शिशु की दर में वृद्धि हो, स्वस्थ्य हो, पोषित हो क्योकि गांव के सर्वागींण विकास में इनकी भी महत्वपूर्ण भूमिका है इन्हें भी समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाना आवश्यक है।

ऐसी ही किये गए एक प्रयास की आज बात हम कर रहे है। ये कहानी सागर जिले की मालथौन जनपद के ग्राम पंचायत बमनौरा के रामछायरी गांव की है यह गांव लगभग 2340 आबादी वाला क्षेत्र है जहां पर कई परिवार निवास करते है परन्तु इस गांव में आंगनवाड़ी भवन न होने पर गांव की महिलाओं एवं बच्चों के लिय कोई भी कार्यक्रम का सुचारू संचालन नहीं होता था मातृ एवं शिशु दर की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण की कोई व्यवस्था नहीं थी जिससे इनके बच्चों की नैतिक शिक्षा स्वास्थ्य एवं पोषण में कमी के साथ मानसिक एवं शारीरिक विकास नहीं हो पा रहा था।

इन सभी कमी को देखते हुए इस गांव के सरपंच कमलाबाई, सचिव दशरथ चौबे, ग्रामवासी एवं महिला एवं बाल विकास के परियोजना अधिकारियों के प्रयास से, पंचायत विभाग के मनरेगा एवं महिला बाल विकास विभाग के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन का कार्य कराया गया और यह आंगनवाड़ी भवन का कार्य सन 2016 को पूर्ण हो गया। आंगनवाड़ी भवन बनने से गांव के छोटे-छोटे शिशुओं, धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को बैठने की सुविधा हो गई। नियमित आंगनवाड़ी खुलने से टीकाकरण का कार्यक्रम, जिसके अन्तर्गत विभिन्न योजनाओं का लाभ देने हेतु सभी दिनों के अलग-अलग कार्यक्रम जैसे किशोरी कार्यक्रम, गोद भराई, अन्न प्राशंन एवं समय-समय पर सरकार द्वारा लागू किये गये नये कार्यक्रमों को शामिल करके लाभ दिया जा रहा है। सरकार द्वारा उषा किरण योजना, लालिमा योजना, वन स्टॉप, बाल संरक्षण आदि योजनायें चलाई जा रही है।

गांव के ग्रामवासी, सरपंच, सचिव एवं अन्य लोगों के सकारात्मक प्रयास आंगनवाड़ी बनने कार्य सार्थक हो पाया । गांव के जरूरत मंद लोगों को यह सुविधा मिल सकी। जिससे गांव के सभी वर्ग के लोग चहुमुखी विकास में अपनी-अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर गांव के सर्वागींण विकास में अपना योगदान दे सकेगे।




  अनुक्रमणिका  
कु. लवली मिश्रा,
संकाय सदस्य
प्रकाशन समिति

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पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग

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