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त्रैमासिक - उन्नीसवां संस्करण अप्रैल, 2016
अनुक्रमणिका हमारा संस्थान
  1. संस्थान में माननीय मंत्री, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अध्यक्षता में शासक मण्डल की बैठक
  2. अपनी बात ....
  3. पेसा क्षेत्र मे ग्रामसभा के अधिकार एवं कार्य
  4. निगरानी और क्रियान्वयन के परिणाम
  5. आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम
  6. शांतिधाम उपयोजना की एक सफल पहल
  7. बूंद-बूंद से भरा घड़ा
  8. ग्राम उदय से भारत उदय अभियान में ग्राम पंचायतों को सौंपे गये कार्य एवं दायित्व
  9. महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के प्रयास
  10. ग्राम उदय से भारत उदय अभियान..
  11. जीपीडीपी हेतु राज्यस्तरीय रिर्सोस ग्रुप की बैठक

संस्थान में माननीय मंत्री, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अध्यक्षता में शासक मण्डल की बैठक

संस्थान में माननीय श्री गोपाल भार्गव, मंत्री, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अध्यक्षता में शासक मण्डल की बैठक का आयोजन दिनांक 12.03.2016 को किया गया। माननीय मंत्री जी ने सुसज्जित नवनिर्मित कक्ष ‘‘संकल्प’’ का लोकार्पण किया गया।

माननीय मंत्री महोदय ने कहा कि पुराने भवनों के स्थान पर नए बहुमंजिला भवनों का निर्माण किया जाएगा एवं संस्थान को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले, इस हेतु प्रशिक्षण की गतिविधियों के अलावा नवाचार और

शोधकार्य हो तथा संस्थान के व्यवस्थित विकास और निर्माण की कार्ययोजना बनाने के लिए सलाहकार की नियुक्ति की जाए। उन्होंने संस्थान के परिवर्तित नाम महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज संस्थान के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। बैठक में श्रीमती मनोरमा पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष जबलपुर, श्री गुलशन बामरा, संभागायुक्त जबलपुर, श्री ब्रजेश कुमार, सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल और श्री विभाष ठाकुर, संचालक, ग्रामीण रोजगार भोपाल भी मौजूद थे।

  अनुक्रमणिका  
पेसा क्षेत्र मे ग्रामसभा के अधिकार एवं कार्य
अपनी बात .....


‘‘पहल’’ का उन्नीसवां संस्करण प्रकाशित किया जा रहा है, जिसे प्रकाशित करने पर मुझे अत्यंत हर्ष है। भारत सरकार द्वारा बाबासाहेब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की 125 वीं जयंती पर ‘‘ग्राम उदय से भारत उदय अभियान’’ दिनांक 14 से 24 अप्रैल की अवधि में चलाया जाना प्रस्तावित था। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा उक्त अवधि बढ़ाकर दिनांक 14 अप्रैल, 2016 से दिनांक 31 मई 2016 तक अभियान चलाया जा रहा है। पहले चरण में दिनांक 14 अप्रैल 2016 को डाॅ. अम्बेडकर जयंती पर प्रत्येक ग्राम में ग्राम सभा आयोजित की जावेगी। दूसरे चरण में 15 अप्रैल से 21 मई, 2016 की अवधि में प्रत्येक ग्राम पंचायत में तीन दिनों की ग्राम संसद आयोजित की जावेगीं। तीसरे चरण में प्रत्येक ग्राम पंचायत पर ग्राम सभा आयोजित की जावेगी जिसमें पूर्व में आयोजित की गई ग्राम सभा और ग्राम संसद में प्राप्त हुये आवेदनों, शिकायतों पर की गई कार्यवाही का प्रस्तुतिकरण किया जावेगा।

‘‘पहल’’ के इस संस्करण में इन ग्राम उदय से भारत उदय पर दो आलेख के साथ ही कई सफलता की कहानी के माध्यम से प्रकाश डालने की कोशिश की गई है।

हमें इसका पूर्ण विश्वास है कि आपको ‘पहल’ का यह संस्करण अनुकूल एवं रूचिकर लगेगा क्योंकि इस संस्करण में हमने राज्य तथा केन्द्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे नये अभियानों तथा योजनाओं के संबंध में जानकारी प्रदान करने का भरपूर प्रयास किया है।
शुभकामनाओं सहित।



संजय कुमार सराफ
संचालक

संविधान की 5वीं अनुसूची के अंतर्गत सम्मिलित क्षेत्रों में पंचायतराज व्यवस्था हेतु विशेष प्रावधान:- पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम (पेसा एक्ट), 1996 एक केन्द्रिय विधान है, जो अपवादों और संशोधनों को 5वीं अनुसूची क्षेत्रों पर लागू करता है। नौ राज्यों क्रमषः आन्ध्र प्रदेश, छत्तीसगढ, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उडीसा और राजस्थान में 5 वीं अनुसूची क्षेत्र है। इसके तहत् अनुसूचित क्षेत्रों के मामले में राज्य के क्षेत्राधिकार को सीमित किया गया है। परंतु उसके साथ-साथ राज्यपाल को व्यापक विधायी और प्रशासनिक अधिकारों से सक्षम किया गया है राज्यपाल इन क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में हर वर्ष एक रिर्पोट तैयार करके राष्ट्रपति को भेजते है। संविधान के अनुच्छेद 399 के तहत् संघ की कार्यपालिका की शाक्ति का विस्तार कर उसे अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए निर्देश देने का अधिकार दिया गया हैं।

पेसा क्षेत्र मे ग्रामसभा के अधिकार एवं कार्य:-किसी अनुसूचित क्षेत्र में, ग्रामसभा की धारा 7 के अधीन प्राप्त शाक्तियां तथा कृत्यों के अतिरिक्त निम्नलिखित शक्तियों तथा कृत्य भी होगें, अर्थात-

  1. ग्रामसभा को यह अधिकार है कि वह ग्राम पंचायत के किसी भी काम और जिम्मेदारी पर विचार करे तथा उस पर अपने कार्यो की जरूरत के हिसाब से फैसला ले।
  2. ग्रामसभा जो भी फैसला लेगी उसे ग्राम पंचायत को मानना और लागू करना जरूरी है। यहाँ पर यह जरूरी है कि कोई भी फैसला जिसमें पैसा और संसाधन लगते हैं उसे पंचायत तभी लागू कर पाएगी जब पंचायत निधी में उतना पैसा हो।
  3. ग्रामसभा, जनजातीय समुदाय(आदिवासी समुदाय) में, आपसी झगडों तथा विवाद निपटाने के परम्परागत सामाजिक तरीकों को भी संरक्षित करेगी।
  4. ग्रामसभा को अपनी सीमा के भीतर आने वाले जल, जंगल, जमीन तथा जमीन पर नियंत्रण करने की ताकत है। अतः ग्रामसभा अपनी स्थानीय पंरपरा के अनुसार इन प्राकृतिक संसाधनो की देख-भाल करेगी। प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन करते समय या इनसे जुडे किसी भी विवाद का निपटारा करते समय ग्रामसभा यह ध्यान रखेगी कि उसके द्वारा किया गया फैसला संविधान की मूल भावना के खिलाफ न हो।
  5. अनुसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभा को यह अधिकार है कि वह अपने यहाँ के जनजातीय समुदाय तथा व्यक्तियों की परम्परा, सांस्कृतिक पहचान तथा सामुदायिक साधनों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए ताकि इन्हें सुरक्षित रखा जा सकें।
  6. किसी मादक द्रव्य के विक्रय और उपभोग को नियंत्रित अथवा प्रतिबंधित करने की शाक्ति।
  7. स्थानीय संसाधनों जैसे ग्राम में उपलब्ध गौण खनिज, मुरम,रेत, एवं वनोपज जैसे जंगल से मिलने वाले आँवला, गोंद, बिजी, आदि के विक्रय एवं उपयोग पर ग्रामसभा का स्वामित्व होगा।
  8. ग्राम के बाजारों तथा मेलों का जिनमें पशु मेला सम्मिलत है, चाहे वे किसी भी नाम से जाने जाए, ग्राम पंचायत के माध्यम से प्रबंध करना।
  9. अनुसूचित जनजातियों को धन उधार देने पर नियंत्रण की शाक्ति।

स्थानीय योजनाओं पर, जिनमें जनजातीय उपयोजनाएॅं सम्मिलत है, तथा ऐसी योजनाओं के लिए स्त्रोतों और व्ययों पर नियंत्रण रखना।

ग्राम खजूरी-जिला बड़वानी निगरानी और क्रियान्वयन के परिणाम

गाॅंवों के विकास के लिए शुरू की गई सांसद आदर्श ग्राम योजना का मध्यप्रदेश में क्रियान्वयन शुरू हो गया है। सांसद आदर्श ग्राम योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों का समुचित विकास करना है जिसके तहत प्रत्येक सांसद को किसी एक गांव को गोद लेकर उसे ऐसे गांव में बदलना है जहां सभी सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध है और वह आसपास के गाॅंवों के लिए आदर्श बन जाए। ऐसा ही एक गांव है खजूरी, जो बड़वानी जिले की जनपद पंचायत राजपुर में है। ग्राम खजूरी को सांसद बड़वानी श्री सुभाष पटेल ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत आदर्श ग्राम बनाने के लिए चयनित किया गया है।

ग्राम खजूरी संत सिंगाजी के जन्मस्थली के रूप में भी जाना जाता है यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते है। 2016 की आबादी वाले ग्राम खजूरी में एक प्राथमिकत स्वास्थ्य केन्द्र, एक उचित मूल्य की दुकान, तीन आंगनबाड़ी केन्द्र, एक पंचायत भवन, एक पानी की टंकी और दो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं।

ग्राम खजूरी में स्कूल चलें अभियान के तहत शत-प्रतिशत बच्चों को स्कूल भेजने का लक्ष्य है। यहां माध्यमिक शाला में 100 प्रतिशत बच्चे हैं जबकि हाईस्कूल में 70 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति है। साथ ही ग्रामीण महिलाओं को साक्षर बनाने के साथ-साथ सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में हर महीने स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है साथ में नि-शुल्क जांच और दवाईयां भी दी जा रही है। गांव में 3 आंगनबाड़ी है जिनमें छह साल तक के बच्चे नियमित रूप से आंगनबाड़ी जा रहें है। ग्राम खजूरी में घर विहीन और कच्चे मकानों में रहने वाले गरीबों को इंदिरा आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजनान्तर्गत पक्के मकान उपलब्ध कराये गए है।

अब तक 193 परिवार लाभान्वित हुए है। गांव में सभी परिवारों को नल-जल योजना के तहत शुद्ध पेयजल पाइप लाइन द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है। गांव में 8 सार्वजनिक हैण्डपंप और दो शासकीय ट्यूबवेल हैं। ग्राम खजूरी मंें सुलभ आवागमन के लिए गांव के अंदर पंच-परमेश्वर योजना के अंतर्गत सी.सी. रोड का निर्माण किया गया है और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांव को पक्की सड़क बनाकर मुख्य मार्ग से जोड़ा गया है।

ग्रामीणों की सुविधा और सामुदायिक विकास के लिए गांव में ग्राम पंचायत भवन, सामूदायिक भवन, ग्रामीण हाट बाजार और सार्वजनिक शौचालय आदि बनाए गए है। मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीवका मिशन के तहत ग्राम खजूरी में महिलाओं को गैर कृषि आधारित स्थायी आजीवका गतिविधियों से जोड़ा गया है। गांव में 22 स्वसहायता समूह गठित किए जा चुके है। महिलाओं के साथ-साथ युवाओं के कौशल उन्नयन और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहें है। कृषि के साथ-साथ ग्रामीणों को पशुपालन और बागवानी के प्रति बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण यहां दिया जा रहा है। कृषि के लिए प्रशिक्षण यहां दिया जा रहा है। कृषि के लिए प्रशिक्षण यहां दिया जा रहा है। कृषि के लिए खाद और बीज वितिरित किए जाते है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांव को खुले में शौच मुक्त बनाने का लक्ष्य है। अब 313 घरों में शौचालय बनाए जा चुके हैं। सांसद श्री सुभाष पटेल के मार्गदर्शन में ग्राम खजूरी को आदर्श ग्राम बनाने का कार्य निरंतर चल रहा है। साथ ही उनके द्वारा विकास कार्यों पर सतत निगरानी रखी जा रही है। ऐसे में उम्मीद है कि ग्राम खजेरी के आदर्श ग्राम बनने को कल्पना जल्द ही पूरी हो जाएगी।




  अनुक्रमणिका  
सौजन्य से:पंचायिका, प्रस्तुति:रोहन शर्मा
आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम

ग्राम पंचायत नान्हाखेडा जनपद पंचायत जबलपुर जिला जबलपुर जो कि जनपद मुख्यालय से लगभग 40 किमी की दूरी पर स्थित है।

यहाॅं पर रहने वाली एक गरीब परिवार की महिला सावित्री बाई यादव उम्र करीब 40 वर्ष जो कि अपनी एक छोटी सी चाय की दुकान पर कार्य करती हुई अपने परिवार का लालन-पालन कर रही थी सावित्री बाई के पति श्री राजेश यादव भी मजदूरी कार्य करके अपना परिवार के भरण पोषण मे यथासंभव मदद करते थे। उनकी दो बेटी एवं एक बेटा है जिनकी शिक्षा और अच्छे भविष्य की चिंता हमेशा सावित्री बाई को सताती रहती थी।

अपनी आमदानी बढाने के कोई और उपाय नही सूझ रहा था ऐसे भी महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा ग्राम पंचायत नान्हाखेडा में आदर्श ग्राम बनाने की दिशा मे कार्य किया जा रहा था और इसी संबध मे ग्राम के सरपंच, पंच, सचिव व अन्य जिम्मेदार लोगो की बैठक संस्थान के शोधकर्ता द्वारा ली जा रही थी जिसमें ग्रामीण जनों के विकास की योजनाओं एवं उन पर क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाईयों पर चर्चा हो रही थी सावित्री बाई भी कौतूहल वश उस बैठक मे पहुॅंच गई और ध्यान से सारी बाते सुनी।

तत्पश्चात उसने संस्थान के शोधकर्ता से संपर्क किया और बताया कि मेरे द्वारा 2005 मे स्वसहायता समूह बनाया गया था जिसमें 12 सदस्य थें किंतु आवश्यक मार्गदर्शन की कमी एवं जागरूकता के अभाव के कारण वह समूह टूट गया, और वह पुनः उस समूह को वापस सक्रिय करना चाहती है जिस हेतु उसे मार्गदर्शन एवं संस्थान से सहयोग चाहिए।

सावित्री बाई की इस सकारात्मक पहल पर संस्थान के शोधकर्ता द्वारा समूह को पुनः संगठित किया गया एवं सावित्री बाई उसकी अध्यक्ष बनी। समूह में 12 सदस्य जुडें जिनके साथ निरंतर बैठक कर उन्हे संस्थान द्वारा राज्य आजीविका मिशन की सहायता से प्रशिक्षण दिलाया गया।

इसके बाद सावित्री बाई द्वारा व्यक्तिगत पहल किये जाने पर उन्हे स्वयं की आमदनी बढाने के उद्देश्य से 10 दिवसीय “दोना पत्तल“ के व्यवसाय का प्रशिक्षण ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केन्द्र जबलपुर मे दिलाया गया।

प्रशिक्षण पश्चात सावित्री बाई ने अपने घर मे “दोना पत्तल“ बनाने की मशीन प्रारंभ की एवं अपना व्यवसाय प्रारंभ किया प्रत्येक माह मशीन की किस्त चुकाने के साथ साथ उसे व्यवसाय से लाभ भी मिलना प्रारंभ हो गया, सावित्री बाई के अनुसार उसे इस व्यवसाय से प्रतिमाह औसत 4 से 5 हजार रू की आमदानी होने लगी।

इस तरह सावित्री बाई के परिवार की आर्थिक स्थिती धीरे-धीरे सुधरने लगी और वह अपने परिवार एवं गाॅंव की अन्य महिलाओं के लिए भी एक मिसाल बनी।




  अनुक्रमणिका  
नीलेश राय,
संकाय सदस्य
मनरेगा अंतर्गत शांतिधाम उपयोजना की एक सफल पहल

जिला शाजापुर जनपद पंचायत कालापीपल की ग्राम पंचायत नांदनी की लगभग 6000 जनसंख्या गांव में निवासरत है। इतने बड़े गांव में एक मात्र मुक्तिधाम पार्वती रेलवे स्टेशन वाले रोड पर है। जो गावं से 1 किमी. दूरी पर स्थित है। जहां उबड-खाबड़ धरातल, बगैर फैसिंग, शवदाह के लिए शेड, बैठने के शेड आदि कुछ भी व्यवस्था मुक्तिधाम में नही यहां तक की वर्षा ऋतु में शव को अंतिम संस्कार हेतु कालापीपल लेकर जाना पड़ता है। गांव में निवासरत प्रत्येक नागरिक यही सोचता है कि कभी भी किसी परिवार में गमी (मृत्यु) हो तो वर्षा ऋतु में न हो।

मनरेगा उपयोजना शांतिधाम का गांव की सरपंच श्रीमती शारदाबाई, उपसरपंच श्री नन्नूसिंह मेवाडा को जब मनरेगा अंतर्गत शांतिधाम उपयोजना की जानकारी लगी तो उन्होंने शीघ्र ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कालापीपल को अपने गांव की वर्षो पुरानी मुक्तिधाम की समस्या से अवगत कराने का फैसला किया।

तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कालापीपल ने समस्या को दृष्टिगत रखते हुए योजना का लाभ गांव को देने का निर्णय लिया साथ ही पंचायत सचिव को तत्काल प्रस्ताव बनाकर जनपद पंचायत कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। बस फिर क्या था पंचायत सचिव के द्वारा तत्काल प्रस्ताव तैयार कर शांतिधाम उपयोजना के माध्यम से कार्य प्रारंभ किया गया।

जिसमें सर्वप्रथम भू-समतलीकरण का कार्य, मुक्तिधाम की तार फैसिंग, भव्य प्रवेश द्वार, शवदाह हेतु 20×30 टीन शेड दो शवों को एक साथ दहन करने की क्षमता, बैठक व्यवस्था हेतु टीन शेड, मुख्य-मुख्य स्थान पर सीमेंट क्रांकीट का रोड व चबूतरा बनाया गया है। जिसमें लगभग 7 लाख रूपये का व्यय वर्ष 2012-13 व 2013-14 में किया गया। साथ ही मुक्तिधाम में विभिन्न प्रजाति के लगभग 500 पौधों का रोपण किया गया साथ ही भविष्य में कुंआ खनन किया जाने का प्रस्ताव है। जिसके लिए स्थान सुरक्षित रखा गया है।

वर्तमान में ग्राम नांदनी में सामुहिक रूप से उक्त शांतिधाम का रख-रखाव किया जाता है। मनरेगा की शांतिधाम उपयोजना के माध्यम से आज गांव के निवासियों की समस्या का समाधान हुआ। गांव के निवासी मनरेगा शांतिधाम उपयोजना के साथ ही जनपद पंचायत कालापीपल के अधिकारियों का ह्दय से आभार व्यक्त करते है।

  अनुक्रमणिका   अरविन्द सोनगरे,
संकाय सदस्य
बूंद-बूंद से भरा घड़ा

जिला आगर मालवा जनपद पंचायत सुसनेर के ग्राम पंचायत जाख ग्राम लोंगडी में कुल 120 परिवार निवासरत है। ग्रामीण परिवारों का जीवन बड़ा ही कठिन होता है। ग्राम पंचायत के मुख्य मार्ग से 3 किमी. कच्चे मार्ग पर पैदल या अपने व्यक्तिगत साधनों से ही गांव तक पहुंचा जा सकता है। महिलाऐं का तो कई महीनों में बाजार तक जाना हो पाता था। साथ ही बाजार की कमी, रोजगार की कमी, कृषि कार्य में मौसमी मार झेलना पडती थी। जिस कारण ग्रामीणों को अपना जीवन यापन हेतु आर्थिक मदद हेतु अपनी रकम, जमीन आदि गिरवी मय ब्याज के रखना पडती है जिसका मूलधन चुकाना तो दूर ब्याज में ही कई लोगों की रकमें (आभूषण) डुब जाती थी।

श्री भैरूलाल दांगी ए.डी.ई.ओ. एवं श्री जयराम देवडा सहायक अध्यापक लोंगडी के द्वारा सतत् प्रयास कर गांव की आर्थिक स्थिति को सुधार हेतु समूह की संकल्पना से अवगत कराया गया व आर्थिक स्थिति में सुधार करने हेतु गांव की प्रत्येक महिलाओं को समूह में कार्य करना अत्यंत आवश्यक है।

गांव में संचालित हो रहे मां शारदा स्व-सहायता समूह द्वारा की जा रही बचत एवं उसकी आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने में शासन द्वारा विभिन्न स्तरों में समूह की मदद की गई है। आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने के लिए समूह को भैंस पालन एवं बकरी पालन करने का प्रशिक्षण दिलाया गया व बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधाओं का भी लाभ दिया गया।

अब गांव में कुल 11 समूह वर्तमान में विभिन्न प्रयासों से संचालित किये जा रहे है जो समूह के पंचसूत्र नियमित बैठक, नियमित बचत, नियमित आपसी लेनदेन, नियमित ऋण वापसी, नियमित लेखा संधारण से कार्य करते है। जिसका यहांँ परिणाम हुआ की अब तक सभी समूहों की ग्रेडिंग की जा चुकी है। प्रत्येक समूह की 200 रू. प्रतिमाह के मान से बचत की जाती है। साथ ही लगभग सभी समूह की बैंक में फिक्स डिपाजिट 50 हजार, 1 लाख तक के है। बैंक ऋण देने के लिए समूहों को हमेशा तत्पर रहती है।

आज गांव लोंगडी के किसी भी परिवार को कार्य व परिवार के अन्य कार्यो हेतु बनिया/साहुकार/महाजन के पास ऋण लेने हेतु नही जाना पड़ता है। समूह से जुड़ी महिलाऐं आर्थिक गतिविधियों से जुड़ने के कारण परिवार की आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई व परिवार के रहन-सहन के तरीकों में भी गुणात्मक वृद्धि होने से सब प्रसन्नता के साथ अपना जीवन यापन कर रहे है।

ग्राम उदय से भारत उदय अभियान में ग्राम पंचायतों के क्लस्टर एवं ग्राम पंचायत स्तर पर सौंपे गये कार्य एवं दायित्व

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिनांक 14 अप्रैल, 2016 से दिनांक 31 मई 2016 तक ‘‘ग्राम उदय से भारत उदय अभियान’’ चलाया जा रहा है। जिसमें प्रत्येक ग्राम के समग्र विकास की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। पूरे प्रदेश में तीन चरणों में 5 दिवस की ग्राम सभा/ ग्राम संसद का आयोजन किया जायेगा। पहले चरण में दिनांक 14 अप्रैल 2016 को डाॅ. अम्बेडकर जयंती पर प्रत्येक ग्राम में ग्राम सभा आयोजित की जावेगी। दूसरे चरण में 15 अप्रैल से 21 मई, 2016 की अवधि में प्रत्येक ग्राम पंचायत में तीन दिनों की ग्राम संसद आयोजित की जावेगीं। तीसरे चरण में प्रत्येक ग्राम पंचायत पर ग्राम सभा आयोजित की जावेगी जिसमें पूर्व में आयोजित की गई ग्राम सभा और ग्राम संसद में प्राप्त हुये आवेदनों, शिकायतों पर की गई कार्यवाही का प्रस्तुतिकरण किया जावेगा। ग्राम सभाओं में शासन के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं व कार्यक्रमों से संबंधित कार्यवाही की जाना है।

शासन द्वारा राज्य, संभाग, जिला, जनपद, ग्राम पंचायतों के क्लस्टर, ग्राम पंचायत स्तर पर अभियान के संचालन हेतु व्यवस्था और दायित्व सौंपे हैं। यहां हम ग्राम पंचायतों के क्लस्टर स्तर और ग्राम पंचायत स्तर पर सौंपे गये व्यवस्था और दायित्वों का संक्षेप में उल्लेख कर रहे हैं:-

ग्राम पंचायतों के क्लस्टर स्तर:

सहायक विकास विस्तार अधिकारी या पंचायत समन्वय अधिकारी अभियान के क्रियान्वयन के लिये क्लस्टर स्तर पर प्रभारी अधिकारी होंगे। क्लस्टर प्रभारी के रूप में उनके निम्न दायित्व होंगे-

  • आवंटित क्लस्टर में होने वाली समस्त ग्राम सभाओं का भ्रमण एवं पर्यवेक्षण कर रिपोर्ट करना।
  • ग्राम सभा/ग्राम संसद के संपादन में आने वाली कठिनाईयों का निराकरण करवाना।
  • आवश्यकतानुसार विभिन्न कार्य हेतु ग्राम सभाओं को तकनीकी परामर्श देना।
  • अन्य सौंपे गये कार्य।

ग्राम पंचायत स्तर:

ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न पदाधिकारियों एवं लोकसेवकों के निम्नानुसार दायित्व निर्धारित रहेंगे-
1. नोडल अधिकारी- अभियान अवधि में क्रियान्वित होने वाली गतिविधियों को संपादित करने तथा की गयी कार्यवाही का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिये जिला कलेक्टर के द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिये एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। यह नोडल अधिकारी विभिन्न विभागों में कार्यरत क्षेत्रीय अधिकारियों में से नियुक्त किये जावेंगे। नोडल अधिकारी के प्रमुख दायित्व निम्न होंगे-

  • अपनी उपस्थिति में ग्राम सभा की संपूर्ण कार्यवाही का विधिवत् संचालन कराना।
  • विभिन्न योजनाओं से संबंधित समस्त जानकारी ग्राम सभा के समक्ष उपलब्ध कराना।
  • ग्राम सभा में विभिन्न अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी देने का क्रम निर्धारित करना।
  • ग्राम सभा/ग्राम संसद की कार्यवाही का विवरण, अन्य संबंधित प्रपत्रों में जानकारी ग्राम पंचायत के माध्यम से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को प्रस्तुत करना।
  • अन्य सौपें गये कार्यों का निर्वहन।

2. ग्राम पंचायत सचिव-ग्राम पंचायत सचिव अभियान के आयोजन से संबधित समस्त व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करेंगे। अभियान अवधि में किये जाने वाले समस्त कार्यकलापों एवं गतिविधियों को ग्राम पंचायत सचिव के द्वारा अभिलिखित किया जाएगा। ग्राम पंचायत सचिव के प्रमुख दायित्व निम्नानुसार होंगे-

  • निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप संपूर्ण अभियान, ग्राम सभा एवं ग्राम संसद के दिवस, होने वाली कार्यवाही व कार्यक्रम के उद्देश्य के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करना।
  • ग्राम पंचायत स्तर पर जन-प्रतिनिधियों को आयोजन की रूपरेखा से अवगत कराना।
  • ग्राम संसद एवं ग्राम सभा में ग्रामीणजनों की उपस्थिति सुनिश्चित किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करना।
  • ग्राम संसद/ग्राम सभा की विधिवत सूचना जारी कर आयोजन की संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करना।
  • ग्राम संसद/ग्राम सभा में चर्चा के विभिन्न बिन्दुओं की विभागवार जानकारी तैयार कर प्रस्तुत करना।
  • कार्यवाही विवरण तथा अन्य संबंधित पत्रकों में जानकारी तैयार कर नोडल अधिकारी के सहयोग से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को प्रस्तुत करना।
  • विभिन्न योजनाओं की विधिवत कार्ययोजना तैयार करना।
  • ग्रामीणजनो से प्राप्त मांग, शिकायत व अन्य आवेदनो को प्राप्त कर निर्धारित प्रपत्रों में दर्ज करना।
  • ग्राम पंचायत कार्यालयों को पूर्ण शासकीय कार्यालय के रूप में स्थापित करना।
  • पंचायत कार्यालय की साफ-सफाई, पुताई, बिजली व्यवस्था एवं आवश्यक फर्नीचर की व्यवस्था करना।
  • शासन द्वारा प्रदायित कम्प्यूटर सामग्री तथ एल.सी.डी. टेलीविजन को पंचायत कार्यालय में स्थापित कर, टेलीविजन में न्यूनतम दूरदर्शन चैनल का प्रसारण सुनिश्चित करना।
  • दिनांक 24 अप्रैल 2016 को राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा दिये जाने वाले उदबोधन के सीधे प्रसारण की व्यवस्था करना।
  • ग्राम पंचायत भवन पर अभियान संबंधी जानकारी लिखवाना।
  • अन्य सौंपे गये कार्य।

3. ग्राम रोजगार सहायक-ग्राम रोजगार सहायक के द्वारा अभियान अवधि में संपादित की जाने वाली समस्त गतिविधियों को संपादित करने में ग्राम पंचायत सरपंच तथा सचिव की सहायता की जावेगी। अभियान की आॅनलाइन माॅनीटरिंग व्यवस्था में समस्त जानकारियों को पंचायत दर्पण पोर्टल तथा अन्य प्रासंगिक पोर्टल पर ग्राम रोजगार सहायक के द्वारा दर्ज किया जाएगा।

4. ग्राम पंचायत सरपंच-ग्राम पंचायत सरपंच अभियान अवधि में संपादित की जाने वाली गतिविधियों को संपादित करने के लिये विधिक रूप से उत्तदायी होंगे। यदि किसी ग्राम पंचायत के द्वारा अभियान के क्रियान्वयन में उदासीनता बरती जाती है तो उस ग्राम पंचायत के सरपंच का विधिक दायित्व नियत किया जा सकेगा।

5. पंच- त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था में ग्राम पंचायत के पंच एक सूक्ष्म इकाई का प्रतिनिधित्व करते है। यदि ग्राम पंचायत को अभियान अवधि में सक्रिय रूप से जोड़ा जाता है, तो वह इस अभियान के प्रहरी के रूप में कार्य कर सकता है। अतः उचित होगा कि जिला कलेक्टर निर्णय लेकर पंच की भी भूमिका का अधिकतम प्रभावी उपयोग कर सकें।




  अनुक्रमणिका  
सफलता की कहानी - महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के प्रयास

किसी भी योजना की सफलता तब ही कारगर होती है, जब उसमें पूरी आबादी की सहभागिता हो। आधी आबादी को भूलकर हम किसी भी योजना की सफलता की कल्पना नहीं कर सकते। राजगढ़ जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने हेतु भी योजना प्रारंभ से ही प्रयास किये गये। गांव में महिलाओं के अलग से समूह बनाये गये। विधवा, परित्यक्ता महिलाओं के जाॅबकार्ड बनाने के लिये अभियान चलाया। छोटे बच्चों की माताओं को कार्य स्थल पर झूलाघर होने की जानकारी प्रदान की गई।

महिलाओं को योजना से जोड़ने के लिये योजना के प्रचार प्रसार में स्थानीय भाषा में योजना की जानकारी एवं उसके लाभ उन तक पहुंचाये।

गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिये ऐसे विशेष कार्य शुरू किये गये जिनमें कम प्रयास निहित हो तथा उनके घर के समीप स्थित हों। सभी कार्यस्थलों पर अधिक से अधिक महिलाओं को मैट बनाने के प्रयास जारी हैं। परिणाम स्वरूप राजगढ़ जिलें में विगत 4 वर्षों में दो करोड़ 26 लाख से अधिक मानव दिवस सृजित किये इनमें से एक करोड़ से अधिक मानव दिवस का सृजन महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराते हुये किया गया है।

राजगढ़ जिले की खिलचीपुर जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बघेला एक ऐसी ही ग्राम पंचायत है, जिसमें वर्ष 2014 में 1642 मानव दिवस सृजित किये गये इसमें 917 मानव दिवस महिलाओं के द्वारा कार्य करते हुये सृजित किये गये। गांव की महिला गोराबाई योजना के बारे में कहती हैं कि ‘‘साब म्हारा तो दिन फिर गिया नी तो मूं तो भूखी मरती’’(साहब मेरे तो दिन फिर गये नहीं तो मैं तो भूखी मरती)। वहीं गांव की ही निवासी परित्यक्ता महिला शांतिबाई कहती हैं कि ‘‘मूं तो दुनिया में अकेली हो गीं म्हारा पेट भरवा के लेवा सरकार की योजना आई है’’(मैं तो दुनिया में अकेली हो गई थी मेरा पेट भरने के लिये ही सरकार ने योजना चलाई है)। इसी तरह के वक्तव्य गांव की होकमबाई एवं रामवती भी योजना की तारीफ में कहती हैं - ‘‘हमने तो कभी सोचा भी नहीं था कि गांव में ही आसानी से काम देने के लिए सरकार इतनी अच्छी योजना चलायेगी।

स्त्रोत-म.प्र.मनरेगा पोर्टल
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान में ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों एवं ग्राम सभा सदस्यों की भूमिका

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिनांक 14 अप्रैल, 2016 से दिनांक 31 मई 2016 तक ‘‘ग्राम उदय से भारत उदय अभियान’’ चलाया जा रहा है। जिसमें प्रत्येक ग्राम के समग्र विकास की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। पूरे प्रदेश में तीन चरणों में 5 दिवस की ग्राम सभा/ ग्राम संसद का आयोजन किया जायेगा। इन तीनों चरणों की ग्राम सभाओं में निम्नानुसार कार्यकलाप किये जावेगें:-

पहला चरण

(1)दिनांक 14 अप्रैल 2016 की ग्राम सभा- दिनांक 14 अप्रैल 2016 को डाॅ. अम्बेडकर जयंती पर प्रत्येक ग्राम में ग्राम सभा आयोजित की जावेगी। जिसमें ग्राम सभा सदस्यों को शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जावेगी। साथ ही साथ ग्राम पंचायत विकास योजना, (GPDP) तैयार करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जावेगी। यह ग्राम सभा दिनांक 14 अप्रैल 2016 को डाॅ. अम्बेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित होगी जिसमें सामाजिक सौहार्द्र एवं समरसता कार्यकम आयोजित किये जाऐंगे। प्रत्येक ग्राम सभा में आयोजित होने वाले कार्यक्रम का विवरण निम्नानुसार हैः-

  1. डाॅ.भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर सभी लोगों के द्वारा पुष्पांजलि दी जायेगी।
  2. कार्यक्रम में विशेष रूप से अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों की उपस्थिति में डाॅ.अम्बेडकर के छायाचित्र(फोटोग्राफ)को पुष्पमाला अर्पित की जायेगी।
  3. ग्रामीणों द्वारा अपने ग्राम में सामाजिक समरसता को बढ़ावा दिये जाने का संकल्प लिया जायेगा।
  4. डाॅ.भीमराव अम्बेडकर के जीवन एवं राष्ट्रीय एकता पर उनके विचारो पर चर्चा की जायेगी एवं उनके जीवन से संबंधित साहित्य का वितरण ग्राम सभा में किया जायेगा।
  5. शासन द्वारा सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी जायेगी एवं प्रदर्शनियां लगायी जाएगी।

कार्यक्रम में दिनांक 14 अप्रैल 2016 से दिनांक 31 मई 2016 तक आयोजित होने वाले “ग्राम उदय से भारत उदय“ अभियान की रूप रेखा प्रस्तुत की जावेगी।

दूसरा चरण

(2)15 अप्रैल से 21 मई, 2016 सघन ग्राम संसदों का आयोजन- ग्राम पंचायत के अन्तर्गत आने वाले सभी ग्रामों की संयुक्त रूप से ग्राम सभा ‘‘ग्राम संसद’’ का आयोजन ग्राम पंचायत मुख्यालय पर किया जावेगा। यह ‘‘ग्राम ससंद’’ तीन दिनों तक चलेगी।

ग्राम संसद का पहला दिन- ‘‘ग्राम संसद के पहले दिन में सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा गांवों के कल्याण और विकास हेतु चलाये जा रहे कार्यक्रमों और योजनाओं के क्रियान्वयन पर चर्चा की जावेगी। इन कार्यक्रमों और योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा असरदार बनाने पर ग्राम सभा सदस्यों से चर्चा की जावेगी। इस चर्चा में ग्राम पंचायत के पदाधिकारी और ग्राम सभा सदस्य अपने सुझाव दे सकते हैं।

इस ग्राम संसद में हरेक ग्राम पंचायत की ग्राम विकास योजना भी तैयार की जानी है। यह योजना ग्राम सभा सदस्यों की भागीदारी से तैयार की जावेगी। इसमें ग्राम सभा सदस्य और ग्राम पंचायत के पदाधिकारी जितना अच्छी सहभागिता देगें। योजना उतनी ही अच्छी बनेगी।

जब योजन अच्छी बनेगी तो उसका क्रियान्वयन भी अच्छा होगा। कुल मिला कर योजना के अच्छे क्रियान्वयन से गांववासियों को फायदा होेगा।

ग्राम संसद का दूसरा दिन- ग्राम संसद के दूसरे दिन में हितग्राही मूलक योजनाओं का समग्र डाटाबेस से मिलान कर, आधार नम्बर की Seeding की जाएगी, छूटे हुए हितग्राहियों के नाम जोड़े जाने के संबंध में कार्यवाही की जाएगी।

ग्राम संसद का तीसरा दिन- ग्राम संसद के तीसरे दिन में कृषि सभा का आयोजन होगा जिसमें कृषि उद्यानिकी, वानिकी, पशु-पालन, मत्स्य पालन पर चर्चा की जाएगी। ग्रामों में ही रोजगार के नवीन अवसर उपलब्ध कराने के बारे में भी चर्चा होगी।

ग्राम संसद के तीनों दिनों में ग्राम सभा सदस्यों से प्राप्त हुये आवेदनों और शिकायतों के निराकरण की कार्यवाही इस अभियान के दौरान ही की जाएगी। साथ ही ग्राम विकास योजना एवं कृषि विकास योजना को तैयार करने की सतत् कार्यवाही भी अभियान के दौरान की जाएगी। राजस्व मामलों के निराकरण हेतु राजस्व अमला विभिन्न स्तरों पर शिविर आयोजित कर अधिकाधिक प्रकरणों का निराकरण करेगा।

तीसरा चरण

(3)ग्राम सभा, ग्राम संसद के प्रस्तुत करने के लिए ग्राम सभा- दिनांक 23 मई से 31 मई 2016 के मध्य प्रत्येक ग्राम पंचायत पर अभियान का माॅप-अप-राउंड आयोजित किया जायेगा। ग्राम पंचायतों के लिये नियुक्त नोडल अधिकारी ग्राम पंचायत मुख्यालय पर ग्राम सभा/ग्राम संसद के समक्ष इस अभियान के दौरान की गई कार्यवाही एवं ग्राम विकास योजना के बारे में विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। ग्राम सभाएं यथा संभव शाम के समय अथवा ऐसे समय आयोजित की जाएंगी जबकि ग्राम सभा के अधिकाधिक सदस्य उपस्थित हो सकें। ग्राम सभा के आयोजन की पूर्व सूचना जारी की जाएगी।

ग्राम सभा, ग्राम संसद में प्राप्त आवेदनों, शिकायतों पर कार्यवाही- ग्राम पंचायत स्तर पर 20 अप्रैल से 22 मई, 2016 तक की अवधि में ग्राम सभाओं में प्राप्त हितग्राही मूलक आवेदनों पर कार्यवाही पूर्ण करना एवं राजस्व मामलों का निराकरण ग्राम पंचायत/जनपद/जिला स्तर समस्याओं के निराकरण संबंधी कार्य का निष्पादन 23 मई से 31 मई, 2016 ग्राम सभा में की गई कार्यवाही का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जावेगा।

अभियान का अभिलेखीकरण (Documentation) एवं राज्य स्तर पर प्रस्तुतिकरण: दिनांक 01 जून से 15 जून 2016 के मध्य माॅप अप राउंड में ग्राम पंचायत स्तर पर की गई कार्यवाही के पालन प्रतिवेदन का संकलन जिला स्तर पर किया जाएगा। प्रत्येक जिला इस अभियान के दौरान की गई कार्यवाही का डाक्यूमेन्टेशन कर, एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा। दिनांक 15 जून से 30 जून 2016 के मध्य जिलों के द्वारा की गई कार्यवाही एवं आगामी एक वर्ष की कार्य योजना के संबंध में प्रस्तुतिकरण माननीय मुख्यमंत्री जी के समक्ष किया जाएगा। इस प्रकार तैयार की गई कार्य योजना का वर्ष भर अनुश्रवण समस्त विभागों के द्वारा किया जाएगा।

इस प्रकार से ‘‘ग्राम उदय से भारत उदय अभियान’’ के अन्तर्गत आयोजित होने वाली ग्राम सभाओं में ग्राम पंचायत के पदाधिकारी यह प्रयास करें कि ग्राम सभा में अधिक से अधिक ग्राम सभा सदस्य सम्मिलित हों। आपकी ग्राम पंचायत के अन्तर्गत आयोजित होने वाली ग्राम सभा, ग्राम संसद की तिथि की सूचना पहले से ही ग्राम सभा सदस्यों को देवें। सूचना में यह स्पष्ट हो कि, ग्राम सभा कहां पर, कितने बजे से आयोजित होगी। ग्राम सभा के स्थल के लिए व्यवस्थाएं अच्छी से अच्छी हों ताकि ग्राम सभा सदस्य अपनी बात अच्छे से कह सके। आवेदन पत्रों एवं शिकायतों को प्राप्त करने के बाद उस पर कार्यवाही करके हम सीधे समस्या को सुलझा सकते हैं।

ग्राम सभा सदस्यों के लिए यह एक अच्छा अवसर है कि वे अपने प्रस्ताव, आवेदन, शिकायत आदि ग्राम सभा में दे कर उनका निदान प्राप्त कर सकते हैं।




  अनुक्रमणिका  
डाॅ. संजय राजपूत,
संकाय सदस्य
ग्राम पंचायत विकास योजना की तैयारी,क्रियान्वयन,समयबद्ध रणनीति निर्धारित करने हेतु राज्यस्तरीय रिर्सोस ग्रुप की बैठक सह कार्यशाला

ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) की तैयारी एवं क्रियान्वयन से संबंधित समस्त पहलुओं के मध्य समन्वय हेतु राज्य स्तरीय रिर्सोस ग्रुप का गठन किया जाकर, ग्राम पंचायत विकास योजना के संबंध में समयबद्ध रणनीति निर्धारित करने हेतु दिनांक 17 मार्च 2016 को अपरान्ह 3 बजे से पर्यावास भवन स्थित मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के सभाकक्ष में श्रीमती अलका उपाध्याय, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय रिर्सोस ग्रुप की बैठक सह कार्यशाला आयोजित की गयी।

उक्त बैठक में श्री ब्रजेश कुमार, सचिव, मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, श्री रघुराम राजेन्द्रन, आयुक्त मनरेगा,

श्री एम.एल.बेलबाल मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अन्य अधिकारी एवं विभिन्न विभागों के राज्य स्तरीय अधिकारी गण उपस्थित हुये।

बैठक में ग्राम पंचायत विकास योजना की तैयारी, क्रियान्वयन के संबंध में सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई तथा इसको सफल बनाने हेतु समयबद्ध रणनीति बनाने के लिए प्रमुख सचिव महोदया द्वारा निर्देश दिये गये।

बैठक में उपस्थित अधिकारीगणों के मध्य आपसी समन्वय हेतु एवं योजना को सफल बनाने हेतु राज्य, जिला, जनपद एवं ग्राम पंचायत स्तर पर आगामी रणनीति निर्धारित करने पर आपसी विचार विमर्श कर सहमति प्रदान की गई।

प्रकाशन समिति

संरक्षक एवं सलाहकार
  • श्रीमती अलका उपाध्याय(IAS),प्रमुख सचिव,
    म.प्र.शासन,पं.एवं ग्रा.वि.वि.,
  • श्री रमेश थेटे(IAS),सचिव,म.प्र.शासन,पं.एवं ग्रा.वि.वि.


प्रधान संपादक

संजय कुमार सराफ ,
संचालक,
महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास संस्थान-म.प्र., जबलपुर


सह संपादक
श्रीमति सुनीता चौबे, उप संचालक, म.गां.रा.ग्रा.वि.स.-म.प्र., जबलपुर

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